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Hindi Short Stories With Moral For Kids

Hello दोस्तों , क्या आप Hindi Story पहना पसंद करते है? अगर करते है तो आप बिलकुल सही जगह पर आये है. आज इस Article पे हमने आपके लिए १० जबर दस्त Hindi Short Stories with Moral For Kids के लिए लेके आये है जोकि आप लोगो को बोहोत ही पसंद आएगा.

ये स्टोरीज सिर्फ Kids के किये है. और जो लोग Story पढना पसंद करते है वो लोग वी Story का मजा उठा सकता है. बसपन में हमने आपने दादा, दादी और अपने माँ से जो वे कहानी सुना था उसी के आधार पे हमने आप लोगो के लेया कुस मजेदार स्टोरी शेयर किया है जो की काल्पनिक है और कुस स्टोरीज हमे अपने जीवन का आधार पर बनाये गए है और बोहोत कुस सीजे सीखा जाता है. 

Hindi Story Hindi

                                              Hindi Story Hindi


Hindi Short Stories #1


मुर्ख सिकारी और तोता

बोहोत साल पहले एक गांव में एक अलसी किसान रहता था वो एक सिकारी भी था. एक दिन जब वो अपने खेत पे जा रहा था तब उसने एक तोते को देखा और सुपके से जाके उसको पकड़ लिया. और वो सोच ने लगा के वो उसको बेस देगा और बोहोत पैसा मिलेगा, वो अपने मन ही मन बोहोत खुस होने लगा.

तब तोते ने बोला कृपा करके मुझे सोर दे. तब सेकरि ने बोला तू तो बोल भी सकता है, इसीलिए मई अगर तुजे बेस दू तो मुझे दुगना पैसा मिलेगा. तब तोते ने अलसी किसान को मुर्ख बनाने के लिए एक साल सलाया. और उसने पहले बोलै किसान मुझे सोर दो नही तो मई तुमको पैसे कैसे कमाया जाता है उसका आईडिया नही बताऊंगा और बोलै मेरे पास पैसे कामने का हज़ारो तरीका है जो की मई तुमको बता सकता हु.

तब किसान ने बोला जो वे पैसे कमाने की तरेके है मुझे जोड़ी से बताओ. तब तोते ने बोलै अगर मुझे सोर डोगे तवी मई बताऊंगा, तब मुर्ख सेकरि ने उसकी बात मन ली. तब तोते ने बोलै तो सुनो, कभी वी लाभ किया हुवा सेज मत खोना, जो सीज तुम हासिल नही कर पाए उसको लेके दुखे मोत हो.

तब किसान ने बोला और बताओ. तब तोते ने बोलै अगर मुझे तुम सोर दोगे तभी में तुमको बाकि सब बताऊंगा. तब मुर्ख सिकारी ने तोते के बात मानकर उसको सोर दिए और तोता युर गया.तब सेकरि बोलै तुमतो बाकि का बिना बताये ही तुम क्यों युर गए. तब तोते ने बोलै जॉब तुम कोई काम करते हो तो सोच समज के कोरो.

तब सिकारी गुस्से से बोलै, क्या बोलै तूने? तब तोते ने बोलै तेरे जैसा मुर्ख मैंने आज तक नही देखा और बोला अगर तूने मेरी बात को ध्यान से सुना होता तो तू मुझे नही खोता. तब सेकरि बोला उसका मतलब? तब तोता फेर से बला मेरे दूसरी बात? तब सिकारी बोला लव किया हुवा सीज कवी मत खोना और बोला मैंने तो तुजे सोर दी.

और फिर से बोला खोये हुवे सेज के बारे में सोसके कवी दुखी मोत होना.तब तोते ने बोला हम इसीलिए मुझे खो के वे तुम्हे दुख नही होना सहिये और तोते ने बोला थर्ड में, जब वे कोई काम कोरो उसको पहले ठीक से सोसो और फेर उसको कोरो.

लास्ट मई तोते ने बोला दोस्त मेरे बातो को हमेसा याद रखना और एक दिन तुम जरूर एक धोनी ब्योक्ते बोओगे. और तोते ने सेकरि को बोला में सालता हु दोस्त. और किसान भी तोते के बात मान ली और बोला सुक्रिआ दोस्त, मई तुम्हारी बातो को हमेसा याद रखूंगा.और सिकारी खुसी खुसी अपने घर शला गया.

नैतिक शिक्षा: कोई भी काम करने से पहले एक बार सोस लेना सहिये. कभी भी खोई हुवे सीज को लेके दुखी नही होना साहिये.


Hindi Short Stories #2


जूथ बोलने का नतीजा

एक गांव में रिन्तु नाम का एक लड़का था. वो बोहोत ही दुस्स्त बुद्धि का लड़का था. एक दिन रिन्तु को अपने स्कूल में गणित के एक मैथ को करने दिया वो नही कर सका. फेर शूल टीचर ने उसको बोर्ड पे मैथ करना पड़ेगा ऐसा बोला. फेर दूसरे दिन वो अपने माँ को बुखार हुवा है बोलके इसलिए स्कूल ना जाने का एक्टिंग किया. तब बाद में रिन्तु के माँ ने उसके स्च्होल ने जाने के करों को जाना और उसकी जूथ को पकर लिया.

कुस दिन बाद उसको ससमे बुखार हो गया और वो रोने लगा. तब उसकी माँ ने वो फेर से जूथ बोल रहा समज के बोहोत पिता और वो फिर वी रोने लगा. तब उसकी माँ ने जब उसकी सर पे हाथ रखा तो देखा की रिन्तु को तो ससमे बुखार है. और फेर उसकी माँ ने बोला उस दिन तुमने बुखार हुवा है बोलके जूथ बोला था ना इसीलिए आज तुमको ससमे बुखार हो गया. जूथ बोलने का नतीजा आज तुम भुकत ने पर रहा है. उसके बाद डॉक्टर आया और कुस दिन बाद वो फेर से स्कूल जाने लगा. और वो खुदको बोला में कभी जूथ नहीं बोलूगा. उस दिन के बाद वो रोज स्च्होल जाने लगा और कभी जूथ नही बोलता.

नैतिक शिक्षा: कभी वी जूथ नही बोलना सहीए , हमेसा सच बोलो.


Hindi Short Stories #3


अलसी बेटा

दोस्तों बोहोत साल पहले एक गांव में एक अमीर किसान था. उसका एक लड़का और अपने पत्नी के साथ रहते थे. परन्तु कृसान का बेटा बोहोत हे आलसी था. वो हमेसा देर से उठता था. और दिन भर सोता हे रहता था. जब कृसान यानि उसकी पिता खेत में जाने को बोलता था तब वो सो के हे नही उठता था.

लड़के की स्वावाब देख के वो बोहोत हे सिंतीत होने लगा. देखते ही कृसान का मृत्यु हो गया. कृसान की मृत्यु के बाद वे कृसान की बीटा जॉब वो अपने दुकान, खेत में नही जाने लगा तो बोहोत हे लुकसान होने लगा और वो लोग गरीब होने लगा. तब उसकी माँ ने बोला बीटा हमारी खेत और दुकान का बोहोत हे लुकसान हो गया. तुम कुस कोरो बीटा.

तब बेटे ने बोला माँ में की करू में तो कभी खेत पे गया हे नही और मुझे दुकान सम्वाल न नही अत माँ. तब माँ सिन्तित हो गया और बोला तुम एक बार अपने नाना जी से मिल के आओ. वो तुम्हे जरूर कुस उपाय देगा. तो बेटे ने ठीक है बोलके दूसरे दिन नाना के घर साला गया. और नाना को बोला हमारा दुकान और खेत सब नुकसान हो गया नाना. क्या आप कुस उपाय दे सकते है.तब नाना बोला तुम ठीक जगह पर गए हो में तुम्हे जरूर मदद करूँगा.

और नाना बोला तुम होर रोज सरोज उगने से पहले उठना और सबसे पहले मंदिर जाना. और उसकी बाद एक बार दुकान और खेत जरूर देखने जाना होगा. और ये तुम्हे रोज करना होगा. नाना की बात मानकर वो रोज ऐसा हे करने लगा.

जब क्रिसन का बीटा रोज काम पे जने लगा तो जो लोग घोटाला कर रहे थे उसने बोला की ये तो रोज काम पे आने लगा अब हम और घोटाला नहीं कोर सकते है हम पकड़ जायेंगे.

उसके बाद फिर से दुकान और खेत अच्छे से सलने लगा और वो अमीर बन गया.

नैतिक शिक्षा: आलस एक बुरी बला है इसीलिए हमे आलस त्याग के अपना काम समय पर करना सहिये .


Hindi Short Stories #4


घमंडी पेड़ 

दोस्तों एक जंगल में एक आम और एक पीपल का पेड़ था. आम का पेड़ हमेसा आम से भोरे हुवे रहता था और दूसरे तरह पीपल का पेड़ सूखा सूखा रहता था और आम की पेड़ को देख के जलता था. एक बार मदुमखी के एक झुंड पीपल के पैर के पास आया और बोला किया तुम हमें तुम्हारे पेड़ पर घर बनाने दोगे.

तब पीपल की पैर बोला भला में अपने पेड़ पर दुसरो को राज करने कियु दू. ये मेरा पेड़ है तुम यहाँ पे घर नही बना सकते. तब आम के पेड़ ने उसकी बात को सुन रहा था और बोला है मधुमखी तुम लोग परेशान मत हो. मेरे पास बोहोत जगह है तुम मेरे पेड़ पर घर बना सकते हो.तब मधुमखी बोहोत खुस हुवा और आम की पेड़ को सुक्रिया बोलके वाहा पर घर बनके रहने लगा.

कुस दिन बात जंगल में दो लोग पेड़ काटने को आया और आम के पेड़ को देख के बोला अरे ये तो बोहोत ही अच्छा पेड़ हां अगर हम इसको बेस दे तो बोहोत पैसे मिलेगा ऐसा बोला. लेकिन डस्की साथै ने बोला पर आम की पैर पे तो मधुमखी है. हम आम्र की पैर को काटने जायेंगे हो हमें मधुमखी काट लेगा. इसको सोरो बोलके पीपल की पेड़ के पास साला गया. और बोला अरे ये पीपल का पैर वे अच्छा है इसे को काट ते है. और वो दो लोग पीपल के पैर को काटने लगा और पीपल सिल्ला ने लगा नही नही. तब आम की पैर ने मधुमखी को बोला दोस्त तुम पीपल की पैर को बसा लो नही तो वो पीपल को बात लेगा.

आम की बात मनकोर मधुमखी पैर काटने वाले पे हमला कर दी और दर के मरे दोनों भाग कर वह से साला गया. तब पीपल के पैर ने मधुमखी को बोला सुक्रिआ दोस्त तुमने मुझे बसा लेया.

तब मधुमखी पीपल की पैर को बोला तुम आम की पैर को सुक्रिआ बोलो उसी ने हमको तुम्हे बसाने को बोला था, तब पीपल की पैर ने आम के पैर को सुक्रिआ बोला और उस दिन से वो अपने घमंड को सोर दी.

नैतिक शिक्षा: हमें कभी भी अहंकार नही करना सहिये और अपने से छोटे को सहायता करना सहिये.


Hindi Short Stories #5


बुद्धिमान कौवा

बोहोत साल पहले एक जंगल में एक कौवा रहता है. अधिक गर्मी के करों उस जंगल में पानी सुख गया था. और सब लोग पानी का प्यासा था. तब कौवा पानी धुनते धुनते एक मटके को देखा और वह पे देखा की मटके में पानी है. तब कौवा बोहोत खुस हो गया.पर जब मटका के पास गया तो देखा की पानी तो बोहोत नेसे में है . में कैसे पानी पिऊंगा. तब कौवा सिन्तित होने लगा.

तभी कौवे ने एक बुद्धि लगाया और उसने देखा की मटके के पास बोहोत सरे पत्थर पारा हुवा है. तो उसने पत्थर को एक एक करके मटके पे डाला और पानी ऊपर आह गया और उसने खुसी खुसी पानी पिया और साला गया.

नैतिक शिक्षा: बुद्धि के बल पे हम कुस भी काम अशनी से कर सकते है


Hindi Short Stories #6


माँ की ममता

एक बार एक जंगल में एक बन्दरिया और उसकी दो बच्चा खुसी से रहते थे. पर बंदरिया की एक छोटा बच्चा बड़े बच्चा से ज्यादा सुन्दर था. और बड़े बचा हमेसा सोस्ता था की उसके माँ छोटे को ज्यादा प्यार करता था और उसे कम करता है. पर ऐसा नही था.

एक दिन जंगल में तेजी से बारिश होने लगा. बारिश इतना ज्यादा था की उनको वो जगह चोर ना पारा. तब उसकी माँ दोनों को लेके एक पैर से दूसरे पैर पर सरने लगा और ऐसे करते करते वो एक पैर से गिर गया. बड़ा बचा पीठ पे था तो उसको इतना कुस नही हुवा पोर छोटे को बोहोत शोत लगा और खून निकलने लगा. उसे को देख के बड़े ने कुस पत्ते कोलेके आया और छोटे को लगाने के लिए माँ को दिया. तब माँ ने उसकी कारनामा को देखके उसको सब्बास दी और सुमने लगा. तब उसको एहसास हुवा की माँ मनसा अपने बचो को प्यार करता है. वो छोटे को इसलिए ज्यादा देखते थे क्युकी वो बोहोत हे छोटा था और वोखुद कुस नही कोर सकता था.

उस दन के बाद वो उसकी मन मई जो भ्रौम था वो साला गया और अपने माँ और छोटे भाई के साथखुसी खुसी रहने लगा.

नैतिक शिक्षा: माँ आपने बच्चे को हमेसा सामान प्यार करता है, वो बड़ा या छोटा हे क्यों ना हो.


दोस्तों, आप लोगो को ये Hindi Short Stories कैसा लगा.I Hope सबको बोहोत अत्छा लगा होगा. अगर अत्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ Share करना ना भूलना. अगर आप ऐसी और Hindi Story With Moral पढना साहते तो Comment Section पे जरूर बताये. हम आपलोगो के लेया इससे बी मजेदार स्टोरी लेके आएंगे. सो आज के लिए बस इतना ही Thanks.

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